राज्यसभा निवडणूक खासदार २०२२-.
मंदीप एम गोरडवार मुख्य संपादक (EDITOR In CHIEF )क्योंकी महाविकास आघाडी के बाकी उमेदवार चुनकर 03 आए और केवल संजय पवार अकेले चुनकर नहीं आए .इसका मतलब यही होता हैं की, वैयक्तिक डावपेच और बाकी अपक्ष आमदार और छोटे पक्ष के आमदार को अपनी और आकर्षित करने में वो बाकी उमेदवार से कमजोर रहे !इसलीए उनकी हार हो गई! संजय पवार चूनकर आते तो शिवसेना ने जिस तरह से वातावरण निर्माण किया था की हम हमारे पक्ष के सामान्य कार्यकर्ता को ही राज्यसभा मे चुनकर भेजेंगे ,इससे शिवसेना की रणनिती से बाकी पक्ष समजकर उनका वलय महाराष्ट्र मे बड ना जाए!
प्रकाशक:-मंदीप एम.गोरडवार, मुख्य संपादक (EDITOR In CHIEF) p10newsइस डर से तो नहीं हुआ! यही है, जो ना हार ना जित राजनिती तो सिर्फ हर पक्ष के नेता के एक दुसरे से कैसे संबंध है!इसपर राज्यसभा सांसद और विधानपरिषद आमदार चुनकर आते है !यह बात और एकबार सिध्द हो गइ है! राजनिती एक अलग ही दिशा मे जा रही है! जो ना कभी जनता को समज आया! ना की खुद्द बडे -बडे राजनेताओं को उनका गेम कैसे बज जाता है! ना उन्हे भी पत्ता चलता है! ना आखिर तक डावपेच समज में आता है! वही इस 2022 के राज्यसभा निवडणूक खासदार की में मा.संजय पवार शिवसेना के कट्टर समर्थक शिवसैनिक नेता के साथ हुआ है! अखेर खुद्द के लिए हार तो हार ही होती है!
*अभी इसपर महाविकास आघाडी तिन्हो पक्ष समिक्षा करेंगे. *भाजप ना जित ना हार का मजा ले रही है!
भाजप पक्ष का देशभर में छोटी सी भी जित पर जश्न मनाने मे और डंका पिठकर उसे बडी़ जित में मिडिया द्वारा दिखाने मे प्रसिद्ध है! माजी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र की राजनिती मे प्रखर विरोधक के रुप मे और राजनैतिक डावपेच मे आगे की सोच रखने मे दिनभर दिन उभर कर आ रहे है! महाराष्ट्र मे राजनिती के जाणता राजा,गुरु और सबसे अनुभवी राजकीय आरखडा के पैलवान मा.शरद पवार के विरुद्ध पुरी ताकद से अपने डावपेच और राजनीति में खडे है! और उन्हे मात देने के लिए राजनैतिक लढाई करा रहे है!
घोडेबाजार यह वाक्य का प्रयोग करनेवाले उमेदवार मा. संजय राऊत चुनकर आए, और इसपर कुछ भी नहीं कहनेवाले मा.संजय पवार हार गये!
इससे बडा़ राजकारण क्या,हो शकता है?
प्रकाशक:-मंदीप एम.गोरडवार, मुख्य संपादक (EDITOR In CHIEF) p10news
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