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गुजरात:लगातार ४ दिनों से हो रही बारिश के कारण डांग जिले में कई रास्ते पर गिरे पैड,चट्टानें और भूस्खलन,जनजीवन हुआ प्रभावित P10NEWS

 

मंदीप एम गोरडवार मुख्य संपादक(EDITOR IN CHIEF)

गुजरात:लगातार ४ दिनों से हो रही बारिश के कारण डांग जिले में कई रास्ते पर गिरे पैड,चट्टानें और भूस्खलन,जनजीवन हुआ प्रभावित

गुजरात,आहवा-डांग:

दक्षिण गुजरात में इस समय भारी बारिश हो रही है, खासकर नवसारी,बलसाड, डांग जिले में कई दिनों से मूसलाधार बरसात हो रही है। मिनी चेरापूंजी कहे जाने वाले डांग जिले में पिछले 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने पूरे डांग जिले में जलभराव की स्थिति हो गई है। वघई ,सापुतारा और आहवा,वघइ से लेकर सुबीर क्षेत्रों में सड़कों पर जगह-जगह वृक्ष,पत्थर एवं कीचड़ पड़े हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। कई जगहों पर बिजली के तार पर पेड़ गिरने से कई घंटों तक बिजली गुल हो गई है। डांग में भारी बारिश के बाद लोकमाता नदियां रूद्र रूप धारण कर रही है साथ ही कई छोटे-बड़े झरने निकल जाने से सोलह कला की खूबसूरती निखर उठी।

फल्ड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार आहवा में 1310 मी.मी वघइ में 1179 मी.मी. सुबीर तालुका में 1132 मी.मी और सापुतारा क्षेत्र में 1092 मी.मी वर्षा दर्ज होने के साथ ही डांग जिले में आज शाम के 4 बजे तक औसत 1178.25 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

भारी बारिश से डांग जिले के पहाड़ी और चट्टानी इलाके में राजमार्गों, पंचायत सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ घाट मार्ग पर रोडमैन ब्लैंच, पेड़ों, मिट्टी और मिल्बो भी भूस्खलन हुआ। निरंतर सतर्क रहे प्रशासन ने घंटों में ही कई छोटे-बड़े रास्ते खुले कर दिये थे। सापुतारा घाटमार्ग हूए भुस्खलन से बंद हूए अंतरराज्यीय मार्ग का यातायात शुरू करने के लिए प्रशासन दिन रात मेहनत कर रहे हैं।डांगमा में भारी बारिश के कारण स्थिति पर बाज नजर रखने वाले कलेक्टर श्री भाविन पंड्या ने लाइन विभाग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और क्षति सर्वेक्षण सहित ऑपरेशन के निर्देश दिए।

मानसून के मौसम में खिलने वाले डांग के अमूल्य दृश्यों का आनंद लेने और डांग की सुंदरता का आनंद लेने के लिए प्रकृति-प्रेमी पर्यटकों की भीड़ डांग में आती है। कलेक्टर श्री भाविन पंड्या की निगरानी में स्थानीय पुलिस की देखरेख में यह सुनिश्चित करने के लिए काफी प्रयास कर रही है कि यहां कोई अनिच्छनीय घटना न हो और सार्वजनिक सड़कों पर यातायात सुचारू रूप से चलता रहे।साथ ही पर्यटकों से अपील की है कि वे वन क्षेत्र में नदियों, नालों और झरनों के पास खतरनाक सेल्फी और फोटो न लें, सार्वजनिक सड़कों पर बेतरतीब वाहन न खड़े करें और लापरवाही से वाहन न चलाएं।



                     मंदीप एम गोरडवार मुख्य संपादक.                                        (EDITOR IN CHIEF)


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