नई दिल्ली:- लोकसभा में एक विधेयक पारित किया गया जो लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कनेक्शन के उचित कार्यान्वयन के लिए एक नया अध्याय सम्मिलित करने के लिये वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम,1972 में संशोधन करना चाहता है! वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक,2021 पर बहस के जवाब में पर्यावरण मंत्री भुपेन्द्र यादव ने कहा की विकास और पर्यावरण की सुरक्षा एक दुसरे के विरुद्ध नहीं है! उन्होंने कहा की उचित विकास कार्य किया जा सकता हैं! पर्यावरण संबंधित चिंताओंको ध्यान में रखते हुए! उन्होंने कहा की पर्यावरण संरक्षण सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है! उन्होंने यह भी कहा की वन्यजीवों के संरक्षण के लिये प्रतिबंद्ध है! मंत्री ने कहा की पिछले आठ वर्षों में देश मे संरक्षित क्षेत्र 693 से बढकर 987 हो गये है, जिसमें बावन टाइगर रिझर्व शामिल है! उन्होंने कहा की सरकार वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर काम करती है! पश्चिम बंगाल के कुछ सदस्योद्वारा उठाए गए मुद्दो का जिक्र करते हुए भुपेन्द्र यादव ने कहा की सुंदरवन की रक्षा करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है! वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 (अधिनियम) देश की पारिस्थितीक और पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित करणे के उद्देश से जंगली जानवर,पंक्षियों और पौंधों की सुरक्षा और उससे जुडे या सहाय्यक या आकस्मिक मामलों के लिए प्रदान करते है!भारत वन्य जीवों और वनस्पतीयों की लुप्तप्राय प्रजातियों (कन्वेंशन)में आंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कनेक्शन का एक पक्ष है!जिसके लिए कन्वेंशन के प्रावधानों को लागु करने के लिये उचित उपाय किए जाने की आवश्यकता है! वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021 में वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम,1972 में संशोधन का प्रस्ताव है! संशोधित अधिनियम स्थायी समितीओं का गठन करने की देगा अनुमानत: यह अधिनियम की प्रस्तावना में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है!ताकी वन्यजीवों के "संरक्षण" और "प्रबंधन" के पहलुओंको को शामिल किया जा सके जो अधिनियम द्वारा कवर किये गए हैं! और स्पष्टता के प्रयोजन के लिए अधिनियम की अनुसुचिओं को युक्तिसंगत और संशोधित करते है! यह भारत में कन्वेंशन के प्रावधानों के उचित कार्यान्वयन के लिए एक नया अध्याय सम्मिलित करने का भी प्रस्ताव करता है, विदेशी प्रजातिओं के नियंत्रण करने को सक्षम करणे के लिए प्रावधान सम्मिलीत करता है, और राज्य बोर्ड फार वाइल्ड लाइफ को स्थायी समिती का गठण करने की अनुमती देता है विधेयक संरक्षित क्षेत्रों के बेहत्तर प्रबंधन के लिए संशोधन करने का प्रस्ताव है!यह एक स्पष्टीकरण सम्मिलीत करने का प्रवास करता है ताकी यह प्रदान किया जा सके की स्थानिय समुदायों द्वारा कुछ अनुमत गतिविधीयों जैसे,चराई या पशुओं की आवाजाही, पिने और घरेलु पाणी के वास्तविक उपयोग को अधिनियम की धारा 29 के तहत गैर निषेधात्मक माना जाएगा! यह जब्त किए गए जिवित जानवरों की बेहत्तर देखभाल और जब्त किए गए वन्यजीव भागों और उत्पादो के प्रावधानों को सम्मिलित करना चाहता है,ताकी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित शर्थो के अनुसार स्वामित्व प्रमाण पत्र वाले व्यक्ती द्वारा जिवित हाथियों के हस्तांतरण या परिवहन की अनुमती दी जा सके!
मंदीप एम गोरडवार मुख्य संपादक. (EDITOR IN CHIEF).
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