PM Modi in Gujrat: पीएम मोदी गुजरात को देंगे एक और सौगात, आज अहमदाबाद के दौरे पर जाएंगे , इन-स्पेस के मुख्यालय का करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के बोपल में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के मुख्यालय का उद्घाटन करेंगे। इसे जून 2020 में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने ट्विटर हैंडल पर इन-स्पेस मुख्यालय के उद्घाटन की घोषणा की।
अहमदाबाद, एएनआइ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात को एक और सौगात देने वाले हैं। वे 10 जून को अहमदाबाद का दौरा करेंगे। यहां वे बोपल में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के मुख्यालय का उद्घाटन करेंगे। इसे जून 2020 में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, इन-स्पेस एक नोडल एजेंसी होगी, जो अंतरिक्ष गतिविधियों और गैर-सरकारी निजी संस्थाओं को अंतरिक्ष से जुड़ी सुविधाओं के विभाग के उपयोग की अनुमति देगी। इसका मकसद अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा निजी भागीदारी को सुनिश्चित करना होगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने ट्विटर हैंडल पर इन-स्पेस मुख्यालय के उद्घाटन की घोषणा की।
इन-स्पेस एक सिंगल-विंडो नोडल एजेंसी होगी
इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन गोयनका ने ट्वीट किया कि 10 जून 2022 को पौने चार बजे पीएम मोदी अहमदाबाद के बोपल स्थित इन-स्पेस मुख्यालय के उद्घाटन करेंगे। इसकी घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है। हम अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास करने के लिए उद्योग और इसरो के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। बता दें कि इन-स्पेस (IN-SPACe) एक नोडल एजेंसी होगी जो गैर-सरकारी निजी संस्थाओं द्वारा अंतरिक्ष-स्वामित्व वाली सुविधाओं के विभाग के उपयोग की अनुमति देगी और अंतरिक्ष क्षेत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करेगी। यह एक सिंगल-विंडो नोडल एजेंसी होगी जो जून 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित लान्च वाहनों और उपग्रहों के निर्माण सहित अंतरिक्ष गतिविधियों की अनुमति और निगरानी करेगी।
अंतरिक्ष उद्योग के लिए है बड़ा दिन: इन-स्पेस के अध्यक्ष
इन-स्पेस (IN-SPACe) के अध्यक्ष, पवन कुमार गोयनका ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया, 'यह इन-स्पेस के साथ-साथ अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक बहुत बड़ा दिन है क्योंकि प्रधानमंत्री स्वयं दुनिया को इन-स्पेस के महत्व की घोषणा कर रहे हैं, इसके पीछे लक्ष्य है कि किस तरह भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देगा।' उन्होंने आगे कहा, ' हम यहां जो प्राथमिक समस्या हल करने की कोशिश कर रहे हैं, वह यह है कि निजी क्षेत्र (Private Sector) अंतरिक्ष क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं, जो कि अन्य अंतरिक्ष क्षेत्र वाले विकसित देशों के साथ ऐसा नहीं है।
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