Header Ads Widget

Responsive Advertisement

कौण बनायेगा सरकार महाविकास आघाडी या भाजप:-सबेरा किसका होगा! p10news

मंदीप एम.गोरडवार मुख्य संपादक (EDITOR IN chief)

एकनाथ शिंदे समर्थक तीन शर्तों के साथ उद्धव ठाकरे के पास आ: देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में और एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री के रूप में

एनसीपी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती है।

शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस पर दबाव बनाकर हमारी सरकार में वजन बढ़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

महाविकास अघाड़ी सरकार तीन दलों द्वारा बनाई गई थी। इसमें एनसीपी के विधायकों को सबसे ज्यादा फंड दिया जाता है और शिवसेना और कांग्रेस के विधायकों को फंड नहीं दिया जाता है.ऐसा आरोप आमदार कई बार अपनी पक्ष श्रेष्ठी के पास रख चुके हैं!और शिवसेना का राज्यसभा में उमेदवार संजय पवार चुनाव हार चुके हैं! और विधानपरिषद में भी मतदान का स्थर कम हुआ है!         

* राष्ट्रवादी काँग्रेस आगे ढाई साल के लिए अपना मुख्यमंत्री पद का दावा कर शकती है,और दबाव बना शकती है!

*इसलिए शिवसेना पक्ष अपना डाव सभी प्रकार का विचार करके दबावतंत्र निर्माण करना चाहती हो!

*लेकीन पिछली बार की तरह जिस तरह से मा.उपमुख्यमंत्री अजितदादा पवार भाजप पक्षका पोपट बनाया था!

*उसी तरह अभी एकनाथ शिंदे माजी मंत्री इनके उपर भाजप पक्ष के नेताओं को विश्वास करना चाहिए!

ये भी महाविकास आघाडी का कोई राजनैतिक डावपेच का भाग तो नहीं ना. 

महाराष्ट्र के राजनिती मे कितना आगे जाकर बवाल होता हैं,ये वक्त ही बताएगा,

कौण बनेगा महाराष्ट्र का अगला सिएम और किसकी सरकार बनेगी,या और एकाबार महाविकास आघाडी सरकार भाजप के नेताओं को बनाएगी पोपट!

महारष्ट्र

में राजकीय भूकंप (maharashtra Political Crisis) के बीच एक और बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Shiv Sena ) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने करीबी विधायकों के माध्यम से एक तीन सूत्री प्रस्ताव भेजा है.


यह प्रस्ताव पूर्व मंत्री संजय राठोड़ ने सीएम के वर्षा बंगले में जाकर सुनाया है. इस प्रस्ताव के तीन सूत्रों में पहला सूत्र है कि शिवसेना एक बार फिर बीजेपी के साथ सरकार बनाए. दूसरा सूत्र यह कि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis BJP)मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार किए जाएं और तीसरा यह कि एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री के पद के लिए शिवसेना सहमत हो जाए. संजय राठोड़ ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दे दिया है.


शिवसेना की ओर से यह प्रस्ताव लेकर संजय राठोड़ के साथ दादा भुसे और संजय बांगर वर्षा बंगले में पहुंचे. इसके बाद शिवसेना और सीएम उद्धव ठाकरे की ओर से भी दो नेता सूरत की ओर निकल गए हैं. सीएम उद्धव ठाकरे का संदेश लेकर मिलिंद नार्वेकर और रवींद्र फाटक सूरत गए हैं. दो घंटे पहले ही ये दोनों नेता सूरत की ओर निकले हैं. एकनाथ शिंदे ने साफ चेतावनी दी है कि इसके बाद किसी भी तरह की स्थिति में कांग्रेस और एनसीपी के साथ शिवसेना सरकार ना बनाए.



एकनाथ शिंदे के प्रस्ताव को शिवसेना मानती है तो क्या होगा?

अगर शिवसेना एकनाथ शिंदे के प्रस्ताव को मान लेती है तो ठाकरे सरकार तुरंत अल्पमत में आ जाएगी. इसके बाद बीजेपी राज्यपाल के पास जाएगी. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी महा विकास आघाड़ी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कहेंगे. अल्पमत में होने की वजह से महा विकास आघाड़ी सरकार तुरंत गिर जाएगी. इसके बाद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं रह जाएंगे. इसके बाद बीजेपी सरकार बनाने के लिए दावा करेगी. राज्यपाल बहुमत साबित करने को कहेंगे. शिवसेना और बीजेपी की एक बार फिर सरकार बनेगी. देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे और एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनेंगे.



एकनाथ शिंदे के प्रस्ताव को शिवसेना नहीं मानती है तो क्या होगा?

अगर एकनाथ शिंदे के प्रस्ताव को शिवसेना नहीं मानती है तो शिवसेना टूट सकती है. सुबह खबर आई थी कि एकनाथ शिंदे के साथ उनके 13 समर्थक विधायक हैं. अब गुजरात बीजेपी के एक बड़े नेता ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे के साथ 13 नहीं बल्कि 35 विधायक हैं. अगर ऐसा है तो शिवसेना के 55 विधायकों में से आधा से ज्यादा विधायक शिवसेना से अलग हो जाएंगे. ऐसे में शिवसेना का दो भाग में टूटना तय हो जाएगा. शिवसेना ठाकरे सेना नहीं रह जाएगी बल्कि यह शिंदे सेना हो जाएगी.

Post a Comment

0 Comments