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चीनी उत्पादों के बहिष्कार के चलते भारतीय रेलवे ने दिया चीनी कंपनी को 39,000 ट्रेन पहियों को बनाने का ठेका p10news

एम.एम.गोरडवार, मुख्य संपादक (EDITOR In CHIEF):-


नई दिल्ली, जानकारी के अनुसार गत दिनों से लगातार रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण ट्रेन के पहियों की आपूर्ति बाधित होने के कारण भारतीय रेलवे ने 39,000 ट्रेन पहियों को बनाने का ठेका एक चीनी कंपनी को दे दिया है। यह ठेका चीनी कंपनी टीजेड हांग कांग इंटरनेशनल लिमिटेड को दिया गया है। इस ठेके के बारे में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जानकारी देते हुवे इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट को ट्वीट कर लिखा कि भारतीय रेलवे ने 39,000 ट्रेन व्हील बनाने का टेंडर एक चीनी दिया है।

इस रिपोर्ट में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि ये ठेका वंदे भारत ट्रेनों के पहियों के लिए निकाला गया था। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत को ट्रेन के पहिये आपूर्ति करने वालों की बड़ी कमी हो गई थी, जिसके कारण भारतीय रेलवे ने ये निर्णय लिया है। यह ठेका 4 अप्रैल 2022 को खुला था और रेलवे मंत्रालय की ओर से टेंडर को चीनी कंपनी को 2 मई 2022 को दिया गया था।

जानकारी के मुताबिक यह ठेका 170 करोड़ रुपए का है। पिछले साल गलवान वैली स्टैंड ऑफ के बाद केंद्र सरकार ने पड़ोसी देशों की कंपनियों पर निवेश और आपूर्ति करने पर रोक लगा दी थी। वहीं, अगर कोई कंपनी इसके बाद भी भारत में किसी प्रकार का निवेश या आपूर्ति करनी चाहती है तो फिर उसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री और इंटरनल ट्रेड में रजिस्ट्रेशन करना होगा और इसके साथ विदेश और गृह मंत्रालय से इजाजत भी लेनी होगी। टीजेड हांग कांग इंटरनेशनल लिमिटेड चीनी सरकारी कंपनी तैयुआं हैवी मशीनरी की विदेशी शाखा है। इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1950 में हुयी थी।
इस संबंध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने घरेलू उत्पादन पर जोर देना शुरू कर दिया है। हमें देश में रेल के पहिये इकोसिस्टम बनाने की जरुरत है। वहीं, घरेलू उत्पादक किसी भी प्रोजेक्ट में तब निवेश करना पसंद करते हैं जब उन्हें किसी उत्पाद की मांग लंबे समय तक बने रहने की संभावना होती है। ऐसे में भारत सरकार कई नई ट्रेनों को लॉन्च करने जा रही है तो भविष्य में घरेलू उत्पादन पर ही जोर रहेगा।
 

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